क्या आपने मैगलगंज का नाम सुना है ? मैगलगंज उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का एक छोटा सा कस्बा है, जो गुलाब जामुन (mawa ke gulab jamun) के लिए मशहूर है।
यहाँ पर ऐसी क्या खास बात है कि, पूरा कस्बा ही गुलाब जामुन के लिए प्रसिद्ध है, इसे जानने के लिए मैनें वहॉं जाने का फैसला किया।
वहाँ जाकर देखा तो लगभग सभी दुकानों पर मिट्टी की हांड़ी में गुलाब जामुन रखे थे।
मैनें अलग – अलग दुकानों के गुलाब जामुन खाये, सबके स्वाद बहुत ही लाजवाब थे। मैनें फैसला किया कि, इसकी रेसिपी जाने बिना मैं यहाँ से जाने वाली नहीं हूँ।

किसी तरह रेसिपी पता किया जो आज मैं आपके सामने पेश कर रही हूँ।
आप इसे अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि बाद में आपको पता चलेगा कि, क्या अलग टेक्निक्स अपनाई जाती है। जिससे यहाँ के रसगुल्ले इतने मशहूर हैं।
घर पर गुलाब जामुन बनाने पर आपको दो प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। पहला कि, रसगुल्ले में गुल्थियाँ पड़ जाती है और दूसरी गुलाब जामुन फट जाते हैं।
इन समस्यायों का समाधान भी आपको इसी पोस्ट में मिल जायेगा।
आवश्यक सामग्री (mawa ke gulab jamun)
- मावा (खोया) – 250 ग्राम
- चीनी – 500 ग्राम
- मैदा – 3 छोटे चम्मच
- बैकिंग पाउडर = आधा छोटा चम्मच
- इलायची पाउडर – 5 से 6 (इलायची)
- केसर के धागे – 6 से 7
- तेल – गुलाब जामुन तलने के लिए
चाशनी बनाने की विधि(mawa ke gulab jamun)
चाशनी बनाने के लिए एक बर्तन में 4 कप पानी डाल दें। इसके बाद इसमें 3 कप चीनी डाल दें। बर्तन को गैस पर रखकर गैस ऑन कर दें। चाशनी को बीच – बीच में चलाते रहें।
चाशनी को तब तक पकाये जब तक चाशनी में अच्छा सा उबाल न आ जाये। चाशनी में जब उबाल आ जाये तब गैस को मीडियम कर दें। चाशनी को मीडियम आंच पर 7 से 8 मिनट तक पका लें, जब तक चाशनी हल्की सी चिपचिपी न हो जाये।
चाशनी की गंदगी निकालने के लिए एक छोटा चम्मच दूध डाल दें।
अब चाशनी की गंदगी को छन्नी की सहायता से निकाल लें। चाशनी को एक तार का नहीं बनाना है। चाशनी को हल्का चिपचिपा ही रखना है।
चाशनी में 6 से 7 केसर के धागे और 3 इलायची कूटकर डाल दें। चाशनी बनकर तैयार है। चाशनी को ढककर रख दें। इससे चाशनी गर्म रहेगी।
गुलाब जामुन (MAWA KE GULAB JAMUN) बनाने की विधि :
मावा (खोया) को एक बड़ी थाली में निकाल कर मैश कर लें। आप चाहे तो मावे को कददूकस कर लें। मावे में तीन छोटे चम्मच मैदा डाल दें।

मावे और मैदे को 5 से 6 मिनट तक अच्छे से मसल लें। मैदे में एक चौथाई छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर और इलायची पाउडर डाल कर अच्छे से मैश कर लें।
अब इसकी छोटी – छोटी लोइयाँ तोड़ लें। अब एक लोई को उठाकर हथेली के बीच रखकर दूसरी हथेली ऊपर से रखकर गोल – गोल घूमाते हुए बॉल्स बना लें।
ध्यान रहे बॉल्स फटे ना हो। ऐसे ही सारे गुलाब जामुन बनाकर तैयार कर लें।

अब एक कढ़ाई गैस पर रखकर गैस ऑन कर दें। कढ़ाई में रिफाइंड तेल डाल दें। गैस को मीडियम कर दें।
जब तेल गर्म हो जाये तब एक गुलाब जामुन डालकर चेक कर लें की गुलाब जामुन फट तो नहीं रहे है। अब आपकी कढ़ाई में जितने गुलाब जामुन आ जाये उतने गुलाब जामुन डाल कर तल कर सकते हैं।
गुलाब जामुन को कलछी की सहायता से उलट – पलट कर गोल्डेन ब्राऊन होने तक तल लें। ऐसे ही सारे गुलाब जामुन तल कर तैयार कर लें। गुलाब जामुन को तुरंत चाशनी में डालते रहें।

ध्यान रहे गुलाब जामुन को धीमी आंच पर पकायें। अगर आपकी चाशनी ठंडी हो गई है तो चाशनी को हल्का गर्म कर लें।
गुलाब जामुन को 4 से 5 घंटे तक चाशनी में रखने के बाद सर्व करें। स्वादिष्ट गुलाब जामुन बनकर तैयार हैं।
मैगलगंज के रसगुल्लों की खास टेक्निक्स –

जैसा कि, मैनें शुरूआत में बताया यहाँ पर मावे को अच्छे से मैस किया जाता है। ज्यादा मैस करने से गुल्थियाँ नहीं पड़ती हैं।
यहाँ पर रसगुल्ले ज्यादा बड़े आकार में नहीं बनायें जाते हैं और छोटे – छोटे बॉल्स को धीमी आंच में देर तक पकाया जाता है।
यहाँ पर रसगुल्ले में खाने वाला सोडा नहीं डालते हैं ब्लकि बेकिंग पाउडर का बहुत ही कम मात्रा में इस्तेमाल होता है। इसलिए रसगुल्ले चाशनी में डालने के बाद नहीं फूटते हैं।
रसगुल्ले को रखने के लिए मिटटी के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें उसका स्वाद बरकरार रहता है।
ध्यान देने योग्य बातें (mawa ke gulab jamun)-
- गुलाब जामुन हमेशा धीमी आंच पर ही तले इससे गुलाब जामुन अंदर से अच्छे से पक जाते है।
- गुलाब जामुन की एक बॉल्स को तेल में डालकर चेक कर लें कि, गुलाब जामुन टूट तो नहीं रहें हैं। अगर गुलाब जामुन टूट रहें हैं। अगर मिश्रण में 1 छोटा चम्मच मैदा डालकर अच्छे से मिला लें।
- चाशनी बनाने के लिए हमेशा बड़ा बर्तन लें।
मैं आशा करती हूँ। आपको आज की पोस्ट (mawa ke gulab jamun) पसंद आयी होगी। अपने सुझाव और सलाह जरूर बतायें।
धन्यवाद